दूरस्थ कार्य की दुनिया में, भारतीय और पाकिस्तानी लड़के और लड़कियां कुछ एकल आनंद में लिप्त होते हैं। उनकी साझा सांस्कृतिक पृष्ठभूमि इच्छा की चिंगारी भड़काती है, जिससे गर्म आत्म-आनंद सत्र होता है।.
हैदराबाद के हलचल भरे शहर में एक अनोखा परिदृश्य सामने आता है। भारतीय और पाकिस्तानी लड़के और लड़कियां अपने घरों के आराम से खुद को दूरस्थ रूप से काम करते हुए पाते हैं। उनके घरेलू परिवेश का आकर्षण और घर से काम करने की स्वतंत्रता ने अप्रत्याशित परिणाम दिया है। जैसे ही वे अपने कंप्यूटर के सामने बैठते हैं, उनके हाथ उन जगहों पर घूमते हैं जहाँ उन्होंने पहले कभी तलाशने की हिम्मत नहीं की। संभावित खोज का रोमांच उनके होश बढ़ा देता है, और वे वर्षों से निर्माण किए जा रहे मौलिक आग्रहों के आगे झुक जाते हैं। कमरा उनके चरमोत्कर्ष पर पहुँचते ही कोमल कराहों और हांफों से भर जाता है, उनके शरीर अपनी रिहाई की तीव्रता से सिहर जाते हैं। काम और आनंद ब्लर के बीच की रेखा, इच्छा और संतुष्टि की एक आकर्षक झांकाई पैदा करती है। यह दूरस्थ कार्य की कहानी है जो आत्म-खोज की एक कामुक यात्रा में बदल जाती है, जहाँ वर्जना की सीमाओं को धक्का दिया जाता है और नए सुखों की खोज की जाती है।.